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कामेच्छा बढ़ाने की बेस्ट आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां पुरुषों के लिए

कामेच्छा कम क्यों होती है?

आज की तनावपूर्ण और भागदौड़ भरी जिंदगी में बहुत से पुरुषों को यौन इच्छा (libido) में कमी की समस्या होती है। इसका कारण मानसिक तनाव, शारीरिक थकावट, हार्मोनल असंतुलन, नशे की आदतें और गलत खानपान हो सकते हैं।

आयुर्वेद में कामेच्छा को बढ़ाने और यौन ऊर्जा को पुनः जाग्रत करने के लिए कई असरदार जड़ी-बूटियों का वर्णन है। ये जड़ी-बूटियां शरीर की शुक्र धातु को पोषण देती हैं, हार्मोन संतुलन बनाती हैं और मानसिक तनाव को दूर करती हैं।


कामेच्छा बढ़ाने वाली प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां

1. अश्वगंधा (Ashwagandha)

  • तनाव कम करता है और टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ाता है।
  • यौन शक्ति और स्टैमिना को बढ़ाता है।
  • 1 चम्मच चूर्ण दूध के साथ रात को लें।

2. शतावरी (Shatavari)

  • शरीर को ठंडक देती है और यौन इंद्रियों को संतुलित करती है।
  • महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए लाभदायक।
  • दूध के साथ 1 चम्मच रोज़ लें।

3. सफेद मूसली (Safed Musli)

  • कामेच्छा, वीर्य की मात्रा और यौन स्टैमिना बढ़ाने में उपयोगी।
  • यह एक प्राकृतिक वियाग्रा की तरह काम करता है।
  • 1-2 ग्राम चूर्ण दूध या शहद के साथ लें।

4. गोखरू (Gokhru)

  • मूत्र तंत्र और प्रजनन क्षमता के लिए लाभदायक।
  • टेस्टोस्टेरोन बूस्ट करता है और यौन इच्छा बढ़ाता है।
  • चूर्ण या कैप्सूल रूप में लें।

5. विदारीकंद (Vidarikand)

  • वीर्यवर्धक और बलदायक।
  • यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन और थकावट में लाभदायक।

6. शिलाजीत (Shilajit)

  • आयुर्वेदिक टॉनिक, स्टैमिना और यौन शक्ति का राजा।
  • पुरुषत्व और उत्तेजना को बनाए रखता है।
  • रोज़ 300–500 mg लें।

7. कौंच बीज (Kaunch Beej)

  • शुक्राणुओं की गुणवत्ता और कामेच्छा में सुधार करता है।
  • पाउडर या कैप्सूल में सेवन करें।

अन्य आयुर्वेदिक फार्मूले

  • मूसा पाक, वृहद्वांग पाक – विशेष रूप से पुरुषों के यौन स्वास्थ्य के लिए तैयार।
  • अभ्रक भस्म व कामचूर्ण – टेस्टोस्टेरोन बूस्टर व यौन शक्ति वर्धक।

लाइफस्टाइल टिप्स

  • तली-भुनी, बासी चीज़ें और शराब से दूरी बनाएं।
  • व्यायाम, योग और ध्यान को दिनचर्या में शामिल करें।
  • पर्याप्त नींद लें (6–8 घंटे)।
  • पार्टनर से भावनात्मक जुड़ाव और ओपन कम्युनिकेशन रखें।

निष्कर्ष

कामेच्छा की कमी कोई स्थायी समस्या नहीं है। आयुर्वेद के द्वारा सही जड़ी-बूटियों, खानपान और दिनचर्या से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। यदि समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ से सलाह लेना भी ज़रूरी है।

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